Friday, 26 May 2017

लाखनमाजरा में प्रशिक्षणार्थियों को व्यावसायिक प्रमाण-पत्र वितरीत


लाखनमाजरा में प्रशिक्षणार्थियों को व्यावसायिक प्रमाण-पत्र वितरीत
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मेहन्दी एवं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली 35प्रशिक्षणार्थियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकारके सौजन्य से प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत********
जन शिक्षण संस्थान, रोहतक के व्यावसायिक प्रशिक्षण उपकेन्द्र लाखनमाजरा में प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत किए गए। यह जानकारी देते हुए सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रियन्का ने बताया कि मुख्य अतिथि हरियाणा नवयुवक कला संगम के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी एवं संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने मेहन्दी एवं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली 35 प्रशिक्षणार्थियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत किए। मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को कुशलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए प्रशिक्षणार्थियों को बधाईयां एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपने कौशल व दक्षता का लाभ उठाएं और स्वरोजगार स्थापित करके आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनें। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को राज्य व केन्द्र की ऋ ण आदि सुविधाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए उनका लाभ उठाने के लिए आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी ने प्रशिक्षणार्थियों को व्यावसायिक सफलता पाने के गुर समझाते हुए कहा कि सच्ची लगन, कड़ी मेहनत और अच्छे व्यवहार से किसी भी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने कहा कि संस्थान 15 से 45 वर्ष के गरीब, बेरोजगार एवं कम पढ़े-लिखे युवकों, युवतियों एवं महिलाओं को एक दर्जन से अधिक विभिन्न तरह के व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहा है और प्रशिक्षणार्थियों की सुविधा के लिए विभिन्न गाँव, कस्बों एवं कॉलोनियों में भी उपकेन्द्रों की स्थापना की जा रही है। संस्थान प्रतिभाओं को तराशने से लेकर स्वरोजगार स्थापना तक समुचित सहयोग करता है। इस अवसर पर सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रियन्का एवं अनुदेशिका रीटा देवी ने भी प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित किया।  



















Thans Print Media









(राजेश कश्यप)
प्रभारी निदेशक,
जन शिक्षण संस्थान,
(मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार)
मोबाईल नं.: 9416629889

Sunday, 14 May 2017

‘नैशनल एलाएंस फॉर वोमैन्स रिजर्वेशन बिल’ पर जागरूकता सम्मेलन का आयोजन

‘नैशनल एलाएंस फॉर वोमैन्स रिजर्वेशन बिल’ पर जागरूकता सम्मेलन का आयोजन 
  • भीख नहीं अधिकार चाहिए, 33 नहीं 50 चाहिए
  • महम के ऐतिहासिक चबूतरे से सैंकड़ों महिलाओं ने भरी एक स्वर में हुंकार
  • पंचायत से लेकर संसद तक 50 प्रतिशत आरक्षण बिल पास करने की मांग रखी

‘‘भीख नहीं अधिकार चाहिए, 33 नहीं 50 चाहिए’’ के गगनभेदी नारों के साथ महम के ऐतिहासिक चबूतरे से महिलाओं ने विधानसभाओं एवं संसद में 50 प्रतिशत आरक्षण पाने के लिए सैंकड़ों महिलाओं ने जबरदस्त हुंकार भरी। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की। हरियाणा नवयुवक कला संगम, रोहतक एवं सामाजिक अनुसंधान केन्द्र, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘नैशनल एलाएंस फॉर वोमैन्स रिजर्वेशन बिल’ पर जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता हरियाणा नवयुवक कला संगम के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह ने की, मुख्य वक्ता सामाजिक अनुसंधान केन्द्र, दिल्ली की परियोजना अधिकारी अर्चना झा व शोध अधिकारी डॉ. मानशी मिश्रा और विशिष्ट अतिथि समाजसेविका शकुन्तला चौधरी थीं। सम्मेलन का संचालन जन शिक्षण संस्थान, रोहतक के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने किया। डॉ. जसफूल सिंह ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि महिलाओं के साथ लंबे समय से अन्याय होता चला आ रहा है, लेकिन अब यह बंद होना चाहिए। महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलना ही चाहिए, यह उनका हक है। डॉ. जसफूल सिंह ने कहा एक ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा व संसद तक महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान देश में संवैधानिक रूप से लागू होना चाहिए। मुख्य वक्ता अर्चना झा ने कहा कि आज संसद में केवल 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं और 89 प्रतिशत सीटों पर पुरूषों का कब्जा है। उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं को विधानसभाओं और संसद में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पास नहीं किया जाता, तब तक महिलाओं के साथ अन्याय होता रहेगा। श्रीमती झा ने आगे कहा कि एक महिला ही महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर संसद में बैठकर कारगर कानून बनवा सकती है। डॉ. मानसी झा ने महिलाओं को बिना आरक्षण का प्रावधान किए पूरी भागीदारी नहीं मिल रही है। उन्होंने महिला समाज का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने हकों को पाने के लिए 33 नहीं, 50 चाहिए की मुहिम को जन आन्दोलन में बदलने के लिए एकजुट हो जाएं और अपने क्षेत्र के सांसद कहें कि वे महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए संसद में आवाज आवाज बुलन्द करें। समाजसेविका शकुन्तला चौधरी ने कहा कि जब हमारी आबादी पुरूषों के बराबर है और पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बराबर काम कर रही हैं तो उन्हें विधानसभाओं और संसद में बराबर की भागीदारी क्यों नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अब महिला समाज जाग चुका है और अब वह हर स्तर पर बराबर का अधिकार पाने के लिए एकजुट हो चुका है। संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने कहा कि महिलाएं ही परिवार, समाज एवं देश का आधार हैं। उन्हें बराबर के अधिकार दिए बिना और पूरी भागीदारी दिए बिना कोई भी परिवार, समाज व देश सही मायने में तरक्की नहीं कर सकता। सम्मेलन में चंचल, मिनाक्षी मलिक, कंचन, यशोदा आदि अनेक महिलाओं व युवतियों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर महिलाओं ने गीत व भजनों के जरिए भी अपनी भावनाओं को उजागर किया। 
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