-एक जनवरी से ‘कैशलैस’ योजना लागू
-कैशलैस प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
-संस्था के सभी पदाधिकारियों को कैशलैस की दी गई जानकारियां
-पंजाब नैशनल बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया प्रशिक्षण
प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था हरियाणा नवयुवक कला संगम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के जन शिक्षण संस्थान, रोहतक के संयुक्त तत्वावधान में ‘कैशलैस’ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्था के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह और संचालन संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने किया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में संस्था के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि संस्था में केन्द्र सरकार की अभिनव एवं पारदर्शी ‘कैशलैस’ प्रणाली लागू कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि संस्था में एक जनवरी से हर तरह के लेनदेन, वेतन व अन्य खर्चों का भुगतान ऑनलाईन अथवा चैक से ही होगा। डॉ. जसफूल सिंह ने कहा कि आपका मोबाईल ही अब बटुआ भी है और बैंक भी है। आप अपने मोबाईल से हर तरह की खरीदारी, पैसे का लेनदेन, टोल टैक्स, होटल बिल, टिकट व अन्य किसी भी तरह का भुगतान बड़ी आसानी से कर हैं।
इस अवसर पर जन शिक्षण संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने कहा कि कैशलैस योजना भारत सरकार की एक क्रांतिकारी एवं रचनात्मक पहल है, जो एक तरफ भ्रष्टाचार, अपराध, लूट, बेईमानी आदि पर अंकुश लगाएगी और दूसरी तरफ एक पारदर्शी, सुव्यवस्थित एवं आदर्श कार्यप्रणाली को विकसित करेगी। संस्थान भारत सरकार के नेक उद्देश्यों में सहयोगी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
कैशलेस पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में पंजाब नैशनल बैंक के उप-प्रबन्धक धर्मराज एवं वरिष्ठ अधिकारी जगबीर ने बतौर मुख्य प्रशिक्षक महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाया। धर्मराज ने कैशलैस योजना की महत्ता, कार्यपद्धति और सावधानियों पर बारीकी से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कैशलैस प्रणाली समय की मांग है। यदि इसको सही तरीके से समझ लिया जाये तो बेहद आसान और फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि किसी को कभी भी अपने बैंक का विवरण, एटीएम पासवर्ड अथवा ओटीपी न बताएं। यदि किसी तरह की धोखबाजी का शिकार हो जाएं तो तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करवाएं और उसकी सूचना अपने बैंक अधिकारी को दें। बैंक अधिकारी जगबीर ने बताया कि बैंक की तरफ से आने वाले फर्जी फोन करने वालों को किसी तरह की कोई जानकारी न दें और बैंक के टोल फ्री नंबरों पर बैंक से सम्पर्क करके सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने खातों को आधार से जरूर जुड़वा लें, ताकि सरकार की योजनाओं एवं सब्सिीडी आदि का सीधा लाभ मिल सके।
प्रशिक्षण कार्यशाला में राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता मिशन के प्रभारी प्रदीप सिवाच ने डेबिट व क्रेडिट कार्ड, यूएसएसएसडीे, एईपीएस, युपीआई, ई-वॉलेट आदि सेवाओं की कार्यप्रणाली, लाभ एवं सावधानियों पर विस्तृत जानकारियां देते हुए कहा कि एक साधारण फोन से भी बड़ी आसानी से ऑनलाईन पैसों का लेनदेन और खरीददारी की जा सकती है। यह कोई जटिल प्रणाली नहीं है, सिर्फ इसे समझने की जरूरत है। आईटी सैल प्रभारी सूर्यदेव सिंह ने इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा करते हुए कहा कि आज इंटरनेट का युग है। इस युग में घर बैठे ऑनलाईन बैंक खातों के रखरखाव से लेकर, हर प्रकार की खरीददारी, बिलों का भुगतान, किराया, वेतन, फीस आदि बड़ी आसानी से की जा सकती है। उन्होंने इंटनेट की कार्यप्रणाली की प्रायोगिक जानकारियां भी दीं।
प्रशिक्षण कार्यशाला में ‘कैशलैस योजना’ पर आधारित पाठ्य-सामग्री भी प्रशिक्षणार्थियों को दी गईं। इसके साथ ही जन शिक्षण संस्थान की अनुदेशिकाओं को प्रशिक्षण सामग्री भी वितरीत कीं गईं और संस्था एवं संस्थान के उत्कृष्ट प्रशिक्षिकाओं एवं पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर संस्था के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह, समाजसेविका श्रीमती शकुन्तला चौधरी, प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप, क्षेत्रीय प्रभारी श्रीमती प्रियन्का, श्रीमती ज्योति, जितेन्द्र गिरधर, प्रदीप सिवाच, सूर्यदेव सिंह, राजकुमार, श्रीमती रीटा, श्रीमती प्रमिला, श्रीमती अनीता आदि सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।
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