Thursday 20 April 2017

गाँव आसण्डा में जन शिक्षण संस्थान द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरित

प्रशिक्षणार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी, प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप व अन्य पदाधिकारीगण
जन शिक्षण संस्थान द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरित

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के जन शिक्षण संस्थान, रोहतक द्वारा गाँव आसण्डा में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत किए गए। मुख्य अतिथि हरियाणा नवयुवक कला संगम के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि समाजसेविका शकुन्तला चौधरी, जन शिक्षण संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप एवं सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रियन्का ने ‘पोशाक निर्माण’ (ड्रेस मेकिंग) और ‘सौन्दर्य संवद्र्धन’ (ब्यूटीशियन) व्यावसायिक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरीत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को बधाईयां और आशीर्वाद देते हुए स्वरोजगार स्थापित करने एवं ऋण आदि योजनाओं का लाभ उठाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना आदि के बारे में अवगत करवाते हुए रोजगार अथवा स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि शकुन्तला चौधरी ने प्रशिक्षणार्थियों को कामयाबी के गुर समझाते हुए कहा कि सच्ची लगन, अथक परिश्रम, सद्व्यवहार और अच्छे हुनर से जीवन में आसानी से कामयाबी हासिल की जा सकती है। संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्थान गरीबों, जरूरतमन्दों एवं कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए वरदान है। संस्थान से प्रशिक्षण हासिल करने के उपरांत सहजता से स्वरोजगार स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि संस्थान में सिलाई, ब्यूटीकल्चर, खिलौने बनाने, हैण्डीक्राफ्ट, डोना-प्लेट-कप बनाने, फर्नीचर, फोटोग्राफी, विडियोग्राफी आदि दर्जनभर व्यावसायिक प्रशिक्षण करवाए जाते हैं और स्वरोजगार स्थापित करने में समुचित मार्गदर्शन व सहयोग किया जाता है। सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रियन्का ने कहा कि संस्थान प्रशिक्षणार्थियों के अन्दर छिपी प्रतिभाओं को तराशने के लिए अनेक प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम भी आयोजित करता है। इस अवसर पर अनुदेशिका प्रोमिला, अनीता एवं सुनीता प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। 
कैमरे की नजर में.... 
प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह
प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी
प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप


प्रशिक्षणार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरीत करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी, प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप व अन्य पदाधिकारीगण























प्रशिक्षणार्थियों के साथ मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी, प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप व अन्य पदाधिकारीगण

प्रशिक्षणार्थियों के साथ मुख्य अतिथि डॉ. जसफूल सिंह, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शकुन्तला चौधरी  व अन्य पदाधिकारीगण

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(राजेश कश्यप)
प्रभारी निदेशक,
जन शिक्षण संस्थान,
(मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार)
मोबाईल नं.: 9416629889

Saturday 15 April 2017

डॉ. अम्बेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विचार-संगाष्ठि का आयोजन

विचार-संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए हरियाणा नवयुवक कला संगम के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह
डॉ. अम्बेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विचार-संगाष्ठि का आयोजन


जन शिक्षण संस्थान एवं हरियाणा नवयुवक कला संगम के संयुक्त तत्वाधान में ‘ईश्वर सदन’ महम में ‘‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व’’ विषय पर विचार-संगोष्ठि का आयोजन किया गया। संगोष्ठि की अध्यक्षता संस्था के महानिदेशक डॉ. जसफूल सिंह ने की, वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार नरवाल एवं वरिष्ठ समाजसेविका सरोज हुड्डा ने बतौर विशिष्ट अतिथि भागीदारी की और संचालन संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने किया। विचार-संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए डॉ. जसफूल सिंह ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर विषम सामाजिक परिस्थितियों के बीच पैदा हुए और जाति-पाति, ऊंच-नीच, छूत-अछूत आदि अनेक विडम्बनाओं से जूझते हुए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने आगे कहा कि बेहद विडम्बना का विषय है कि डॉ. अम्बेडकर जैसे महापुरूषों को भी जाति-पाति, धर्म-मजहब में बांटकर देखा जाने लगा है। डॉ. जसफूल सिंह ने कहा कि हमें संकीर्ण राजनीति एवं विचारों को छोडक़र, जाति-पाति, ऊंच-नीच आदि भावनाओं को त्यागकर एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और ज्ञान व कौशल पर अधिक से अधिक जोर देना चाहिए। 
विचार-संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि राजकुमार नरवाल

विशिष्ट अतिथि राजकुमार नरवाल ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अटूट संघर्ष का बखान करते हुए कहा कि हमें डॉ. अम्बेडकर जैसी महान शख्सियत से यह सीखना चाहिए कि गरीबी, लाचारी, भेदभाव एवं कुटिल परिस्थितियों के बीच ऊंचे लक्ष्य को कैसे हासिल किया जा सकता है? 
विचार-संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए जन शिक्षण संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप

जन शिक्षण संस्थान के प्रभारी निदेशक राजेश कश्यप ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के रचनात्मक एवं क्रांतिकारी विचारों पर प्रकाश डालते हुए, उनके दिखाए मार्ग पर चलने, ‘शिक्षित बनो’, ‘संगठित रहो’ व ‘संघर्ष करो’ के मूल मंत्र अपनाने और उनके सपनों को साकार करने के लिए अपनी समुचित सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए।


 विचार-संगोष्ठि में संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र गिरधर, सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रियन्का, अनुदेशिका कंचन आदि के अलावा पूनम, कोमल, रीना, मंजू, सोनिया, साक्षी, काजल, मनीषा, सुमन, संतोष, आरती, बबीता, लक्ष्मी, सोनिया आदि ने भाग लिया आदि प्रशिक्षणार्थियो ने भी भाग लिया।

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(राजेश कश्यप)
प्रभारी निदेशक
जन शिक्षण संस्थान, रोहतक।
मोबाईल नं.: 9416629889